Hindi

प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति को पानी, अनाज, शहद में क्यों रखते हैं?

Hindi

22 जनवरी को विराजेंगे राम लला

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा क्या होती है, इसके पहले क्या-क्या होता है, इसके बारे में कम ही लोगों जानते हैं।

Image credits: twitter
Hindi

प्रतिमा में होते हैं दोष

जब कोई देव प्रतिमा बनाई जाती है, तो उस पर शिल्पकार के औजारों से चोटें आती हैं। उन चोटों को ठीक करने के लिए प्रतिमा को अलग-अलग चीजों में डूबाकर रखा जाता है। इसे अधिवास कहते हैं।

Image credits: adobe stock
Hindi

पहले पूरी की जाती हैं ये प्रक्रियाएं

अगर बनाई गई देव मूर्ति में कोई दोष है या उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है तो अधिवास के दौरान इसका पता लग जाता है। इन प्रक्रियाओं के बाद ही उस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।

Image credits: adobe stock
Hindi

पहले होता है जलाधिवास

जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी होती है, उसे पहले एक रात रात के लिए पानी में डूबाकर रखा जाता है। इस प्रक्रिया को जलाधिवास कहते हैं।

Image credits: adobe stock
Hindi

फिर रखते हैं अनाज में

जलाधिवास की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रतिमा को अनाज में दबाकर रात भर के लिए रखा जाता है, जिसे धन्यधिवास कहा जाता है।

Image credits: adobe stock
Hindi

इन चीजों में भी रखते हैं प्रतिमा को

धन्यधिवास के बाद प्रतिमा को शहद में रात भर डूबाकर रखा जाता है। इसके बाद फूलों में रखते हैं। औषधी युक्त पानी में भी प्रतिमा को डूबाकर रखा जाता है।

Image credits: adobe stock
Hindi

कम से कम 12 अधिवास

इस तरह देव प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठा से पहले इस तरह की 108 प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। अगर कोई इतनी बड़ी प्रक्रिया नहीं कर पाता तो कम से कम 12 अधिवास तो किए ही जाते हैं।

Image credits: twitter

Ram Mandir: क्या आप जानते हैं श्रीराम से जुड़ी ये 10 अनसुनी बातें?

15 जनवरी 2024 को कब से कब तक रहेगा Makar Sankranti Shubh Muhurat?

प्रेमानंद महाराज की वाणी, इन घरों में नहीं होता लक्ष्मी का वास

अनाज, दूध, मांस और घी में से किसमें अधिक ताकत होती है?