22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कईं बड़ी हस्तियां शामिल होंगी।
वैसे तो भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर अनेक ग्रंथ लिखे गए हैं, फिर भी श्रीराम से जुड़ी कईं ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है। आगे जानिए इन बातों के बारे में…
कुछ ग्रंथों में श्रीराम की बहन का वर्णन मिलता है, उनका नाम शांता था। राजा दशरथ ने शांता को अपने मित्र अंग देश के राजा रोमपाद को दे दिया था, क्योंकि उनकी कोई संतान नहीं थी।
भगवान श्रीराम के अनेक दिव्यास्त्र थे, जिनमें ब्रह्मास्त्र भी शामिल था। श्रीराम के पास जो धनुष था वह भी बहुत दिव्य था, उस धनुष का नाम कोदंड था।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, श्रीराम सीता स्वयंवर में नहीं गए। जब वे ऋषि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी गए तो उनके उठाने से शिव धनुष टूट गया। तब सीता से उनका विवाह हुआ।
ग्रंथों के अनुसार राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रकामेष्ठि यज्ञ करवाया था, उसी के फलस्वरूप श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। ये यज्ञ ऋषि श्रंगी ने करवाया था।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम का देवी सीता से विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। हर साल इस तिथि पर विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
वर्ष अठ्ठारह की सिया, सत्ताईस के राम।।
कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम।।
इस दोहे के आधार पर ये कहा जाता है कि विवाह के समय सीता की उम्र 18 और श्रीराम की आयु 27 वर्ष थी।
रामचरित मानस के अनुसार, जब श्रीराम के साथ सीता का विवाह तय हो गया तब ब्रह्मदेव ने स्वयं उनके विवाह का मुहूर्त निकाला था और पत्रिका भी बनाई थी।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, श्रीराम के पास दण्डचक्र, कालचक्र, शिव जी का शूल, ब्रह्मास्त्र, मोदकी व शिखर नाम की गदाएँ, नारायणास्त्र, आग्नेयास्त्र, वायव्यास्त्र आदि प्रमुख अस्त्र थे।
भगवान श्रीराम के कुलगुरु ऋषि वशिष्ठ थे, उनसे ही श्रीराम ने शिक्षा प्राप्त की थी। इनके अलावा ऋषि विश्वामित्र ने भी श्रीराम को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दी थी।
मूल रामायण महर्षि वाल्मीकि द्वारा संस्कृत में लिखी गई है। इसके अलावा अवधि, तमिल, सहित उर्दू, फारसी और अरबी भाषा में भी राम कथा लिखी गई है। 300 से ज्यादा रामायण प्रचलित है।