धर्म ग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। इसलिए हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि पर भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत-पूजा की जाती है।
विद्वानों के अनुसार, साल भर में आने वाली सभी 24 चतुर्थी तिथियों में से 4 चतुर्थी तिथि प्रमुख मानी गई है। इनमें से एक है बहुला चतुर्थी, जो भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आती है।
पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 22 अगस्त, गुरुवार की दोपहर 01 बजकर 46 मिनिट से 23 अगस्त, शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 39 मिनिट तक रहेगी।
इस तरह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 22 और 23 अगस्त दोनों दिन रहेगी। लोगों के मन में ये कन्फ्यूजन बन रहा है कि इन दोनों दिनों में से बहुला चतुर्थी का व्रत कब करें?
ग्रंथों के अनुसार चतुर्थी व्रत में श्रीगणेश के साथ चंद्रमा की पूजा भी होती है। चतुर्थी तिथि में चंद्रमा का उदय 22 अगस्त को हो रहा है, इसलिए इस दिन बहुला चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।
22 अगस्त को बहुला चतुर्थी पर सिंह राशि में बुध और सूर्य एक साथ होने से बुधादित्य राजयोग बनेगा। इसके अलावा छत्र, मित्र और सर्वार्थसिद्धि नाम के शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।