इस बार भाई दूज 15 नवंबर, बुधवार को है। ये भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को भोजन करवाती हैं और तिलक लगाकर उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
धर्म ग्रंथों में कईं ऐसी बहनों के बारे में भी बताया गया है, जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है। भाई दूज के मौके पर हम आपको उन्हीं बहनों के बारे में संक्षिप्त में बता रहे हैं…
कुछ ग्रंथों में भगवान श्रीकृष्ण की बड़ी बहन का नाम शांता बताया गया है, जिन्हें राजा दशरथ ने अपने मित्र राजा रोमपद को दे दिया था। शांता का विवाह ऋषि ऋषि श्रृंग से हुआ था।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, यमराज और यमुना सूर्यदेव की संताने हैं। एक बार यमुना किसी बात पर रुठकर धरती पर आ गई और नदी में बदल गई। भाई दूज पर यमराज-यमुना की पूजा की जाती है।
शेषनाग और वासुकि सहित सभी नागों की एक बहन हैं, जिनका नाम मनसा है। महाभारत के अनुसार, मनसा के पुत्र आस्तिक मुनि ने ही जनमेजय का नागदाह यज्ञ रुकवाया था।
शनिदेव की बहन का नाम भद्रा है। भद्रा महाभयंकर है और लोगों का अहित करने वाली है। इसी कारण ब्रह्मा ने भद्रा के लिए एक समय निश्चित कर दिया। 11 करण में से एक विष्टि भद्रा का ही रूप है।
महाभारत के अनुसार, गांधारी के 100 पुत्रों के अलावा एक पुत्री भी थी, जिसका नाम दु:शला था। इसका विवाह धृतराष्ट्र ने जयद्रथ से करवाया था। जयद्रथ का वध अर्जुन ने किया था।