आज 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया जा रहा है। बजट पेश करने से पहले देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वित्त मंत्री सीता रमण का मुंह मीठा करवाया।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले मुंह मीठा करवाने की परंपरा है। हालांकि इसके पीछे कोई धार्मिक कारण नहीं है बल्कि मनोवैज्ञानिक कारण छिपा हुआ है। जानिए इसके बारे में…
हिंदू धर्म में शुभ अवसरों पर एक-दूसरों को मिठाई खिलाने की परंपरा है। विवाह, सगाई या अन्य किसी शुभ अवसर पर ये परंपरा खास तौर पर निभाई जाती है। मीठे के बिना कोई भी शुभ काम नहीं होता।
दरअसल मिठाई का अर्थ खुशी से है। जब भी कोई खुशी का अवसर आता है तो मिठाई खाकर और खिलाकर उस मौके को सेलिब्रेट किया जाता है। भारत में ये परंरपरा काफी पुरानी है।
किसी भी तरह की मिठाई को बनाने में अन्य सामग्रियों के साथ-साथ शक्कर का उपयोग खास तौर पर किया जाता है। शक्कर गन्ने से बनती है जो देवी लक्ष्मी के वाहन हाथी का मुख्य आहार है।
ज्योतिष में शक्कर को शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है। शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है, इसलिए हर शुभ काम से पहले मीठा खिलाने की परंपरा बनाई गई है।