Chanakya Niti: किन लोगों की धन-संपत्ति और सुख जल्दी नष्ट हो जाते हैं?
Spiritual Oct 12 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
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बड़े काम की हैं चाणक्य की नीतियां
आचार्य चाणक्य की नीतियां सभी के लिए बड़े काम की हैं। चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि किन लोगों की धन-संपत्ति नष्ट हो जाती है। जानें चाणक्य की इस नीति के बारे में…
जो व्यक्ति निश्चित को छोड़कर अनिश्चित की ओर भागता है, उसका निश्चित (धन, संपत्ति, रिश्ते, धर्म आदि) भी नष्ट हो जाता है। अनिश्चित तो स्वयं नष्ट होता ही है।
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लालची होते हैं ऐसे लोग
जो व्यक्ति निश्चित वस्तु को छोड़कर अनिश्चित वस्तुओं की ओर भागता है, उसके हाथों से दोनों ही वस्तुएं निकल जाती है। ऐसे लोग लालची होते हैं और अपने स्वार्थ के लिए काम करते हैं।
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खाली हाथ रह जाते हैं लोग
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इसलिए जीवन में अनिश्चित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निश्चित सुखों को नहीं भूलना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करता है अंत में वह खाली हाथ ही रह जाता है।
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जो हमारे पास है, उसमें सुखी रहें
आचार्य चाणक्य के अनुसार समझदारी इसी में है कि जो वस्तुएं, सुख, धन-संपत्ति हमारे पास हैं, उन्हीं से संतोष करें। अनिश्चित सुख के चक्कर में आकर निश्चित सुख का त्याग भूलकर भी न करें।