आज 12 अक्टूबर को पूरा देश दशहरे का त्योहार मना रहा है। इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। इस दिन रावण का दहन कर बुराई को नष्ट करने की परंपरा है।
रावण को लेकर कई तरह की कहानियां हैं। कुछ लोग रावण को अच्छा भाई, विद्वान, महिलाओं का सम्मान करने वाला मानते हैं लेकिन सच्चाई इससे अलग है।
बहुत लोगों का मानना है कि रावण ने शूर्पणखा का बदला लेने माता सीता का हरण किया था लेकिन ऐसा नहीं था, उसकी बहन ने सीता मां की इतनी प्रशंसा की, जिसे सुन रावण ने हरण की योजना बनाई।
रावण ने सूर्पणखा के पति विद्युतजिव्हा का वध किया था। जिसका बदला सूर्पणखा लेना चाहती थी। वह जानती थी कि स्त्रियां रावण की कमजोरी थीं, इसलिए सीता की खूब प्रशंसा रावण के सामने की।
रावण की नजर हमेशा स्त्रियों पर गलत रहती थी। अप्सरा रंभा को देखकर भी वह मोहित हो गया। रंभा रावण की पुत्रवधू थीं। रावण के सौतेले भाई कुबेर के पुत्र नलकुबेर की पत्नी थी।
रावण रंभा के पास जा रहा था, जब रंभा ने उसे रोका तो वह नहीं माना, उसे जबरदस्ती अपने महल में ले गया। जब नलकुबेर को पता चला तो वह क्रोधित हो उठा और रावण को शाप दे दिया।
नलकुबेर ने रावण को शाप दिया कि अगर वह किसी भी स्त्री की इच्छा के बिना उसे छुएगा या अपने महल में ले जाएगा तो उसका सर्वनाश हो जाएगा।
जब रावण माता सीता का हरण करके ले जा रहे था, तब उसने मां को छुआ था, इस कारण नलकुबेर के शाप से लंका ही नहीं रावण का विनाश और अंत तय हो गया।