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संसार के 3 सबसे बड़े दुख कौन-से हैं, क्या जानते हैं आप?

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ये हैं 3 सबसे बड़े दुख

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सुख-दुख दोनों के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि कौन-सी 3 स्थितियां मनुष्य के लिए सबसे ज्यादा दुखदाई होती है। जानें इन स्थितियों के बारे में…

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चाणक्य नीति के अनुसार…

कष्टं च खलु मूर्खत्वं कष्टं च खलु यौवनम्।
कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम्।।
अर्थात- मूर्खता कष्ट है, यौवन भी कष्ट है, किन्तु दूसरों के घर में रहना कष्टों का भी कष्ट है।

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मूर्ख होना सबसे बड़ा दुख

यदि कोई व्यक्ति स्वभाव से मूर्ख है तो ये स्थिति उसके लिए काफी दुखदाई होती है। क्योंकि यदि कोई व्यक्ति मूर्ख है तो उसे जीवन में हर कदम पर दुख और अपमान ही झेलना पड़ता है।

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जवानी भी है दुख का कारण

आचार्य चाणक्य ने जवानी को भी एक दुख बताया है। जवानी में कोई व्यक्ति गलत काम करने लगे तो उसे जीवन भर कष्ट भोगना पड़ता है। जवानी में कईं तरह की गलतियां भी हो जाती हैं।

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पराए घर में रहना सबसे बड़ा दुख

अगर आप किसी दूसरे के घर में रहते हैं तो इसका बड़ा दुख दुनिया में और कोई नहीं है। दूसरों के घर में रहने से स्वतंत्रता खत्म हो जाती है। ऐसे में इंसान दूसरों का गुलाम हो जाता है।

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