हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 14 मई, मंगलवार को है। इस दिन गंगा नदी की विशेष पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म में गंगा जल को परम पवित्र माना गया है। घरों में गंगा जल को लंबे समय तक रखने पर भी ये खराब नहीं होता। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण छिपा है। जानें क्या है कारण…
रिसर्च के अनुसार गंगा जल में बैक्टीरियोफैज नाम का एक वायरस होता है जो हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। जिसके चलते गंगा का पानी लंबे समय तक खराब नहीं होता।
गंगा ऊंचे पहाड़ों पर से होती हुई नीचे आती है। इसलिए इसके पानी में पर्याप्त मिनरल्स होते हैं जो शरीर के लिए अति आवश्यक हैं। गंगा जल में ई कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता भी है।
वैज्ञानिक शोध से ये भी पता चला है कि गंगा जल में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने का एक अद्भुत गुण है जिससे ये हमेशा ताजा बना रहता है और लंबे समय तक सुरक्षित बना रहता है।
एक अन्य रिसर्च के मुताबिक गंगा नदी के पानी में प्रचूर मात्रा में गंधक भी पाया जाता है, जिसके कारण इसमें कीड़े नहीं पैदा होते। इसी वजह से इस पानी में औषधीय गुण बने रहते हैं।