जब कोई लड़का विवाह के लिए लड़की देखने जाए तो उसे किन बातों का गौर करना चाहिए, ये बात आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताई है। जानें इस नीति के बारे में…
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपवतीं न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।14।।
विवाह के लिए लड़की का चयन करते समय उसके गुण, कुल, धार्मिक आस्था और धैर्य के बारे में जरूर विचार करना चाहिए। इसके बाद ही निर्णय लेना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार विवाह के लिए लड़की का चयन करते समय उसकी सुंदरता से अधिक गुणों पर विचार करना चाहिए। अच्छे गुण वाली लड़की श्रेष्ठ पत्नी बनती है।
लड़की का चयन करते समय उसके परिवार के बारे में भी जरूर विचार करना चाहिए। अच्छे कुल यानी परिवार की लड़की के आचार-विचार और रहन-सहन भी श्रेष्ठ होते हैं।
विवाह के लिए चुनी गई लड़की धार्मिक प्रवृत्ति की हो तो बहुत अच्छा रहता है क्योंकि ऐसी लड़की ही आने वाली पीढ़ी को धर्म-कर्म का ज्ञान देकर शिक्षावान बनाती है।
विपरीत समय में लड़की का व्यवहार कैसा होगा, ये बात उसके धैर्य को देखकर समझ सकते हैं क्योंकि जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति आती-जाती रहती है।