आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि किन 7 लोगों को कभी पैर से स्पर्श नहीं करना चाहिए। जानिए कौन हैं वो 7…
पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च।
नैव गावं कुमारीं च न वृद्धं न शिशुं तथा॥
अर्थ-आग, गुरु, ब्राह्मण, गाय, कुंआरी कन्या, बूढ़े लोग तथा बच्चों को पैर से नहीं छूना चाहिए।
धर्म ग्रंथों में आग को देवताओं का मुख कहा गया है और गुरु तो स्वयं ईश्वर से भी श्रेष्ठ माने गए हैं। इसलिए आग और गुरु को भूलकर भी कभी पैर से स्पर्श नहीं करना चाहिए।
मान्यता के अनुसार ब्राह्मण की उत्तपत्ति ब्रह्मा के मुख से हुई है और गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए ये दोनों पूजनीय होते हैं। इसलिए इन पर कभी पैर से स्पर्श न करें।
हिंदू धर्म में कुंवारी कन्या को देवी का स्वरूप माना गया है और बुजुर्गों का सम्मान करने की बात भी कही गई है। ये दोनों सम्मान करे योग्य होते हैं, इसलिए इनका कभी पैर से स्पर्श न करें।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, छोटे बच्च मन के सच्चे होते हैं। इनमें साक्षात ईश्वर का वास होता है, इसलिए इन्हें कभी भी पैर से नहीं छूना चाहिए। ऐसा करना महापाप माना जाता है।