ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से कईं रहस्य जुड़े हैं। इसका खजाना भी इन रहस्यों में से एक है। ये खजाना कईं दशकों के बंद है। अब इसे खोलने की मांग की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर का खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। इस खजाने के 2 भाग हैं पहला है-बाहरी रत्न भंडार और दूसरा है भीतरी रत्न भंडार।
1978 की एक रिपोर्ट के अनुसार बाहरी रत्न भंडार में उस समय 150 किलो सोना और 258 किलो चांदी थी। साथ ही अन्य बहुमूल्य आभूषण और रत्न आदि भी इस भंडार में शामिल थे।
बाहरी रत्न भंडार समय-समय पर खोला जाता है जैसे रथयात्रा के समय। उस समय इसमें रखे आभूषणों का उपयोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के श्रृंगार में किया जाता है।
जानकारी के मुताबिक जगन्नाथ मंदिर का भीतरी रत्न भंडार 1905, 1926 और 1978 में खोला गया था। उस समय इसमें मौजूद बेशकीमती चीजों जैसे सोना-चांदी की लिस्ट भी बनाई गई थी।
जगन्नाथ मंदिर का भीतरी रत्न भंडार रहस्य बन चुका है। इसे आखिरी बार 1985 में खोला गया था, लेकिन तब भी इसकी लिस्ट अपडेट नहीं की गई थी। इसे ही खोलने की मांग की जा रही है।
जगन्नाथ मंदिर का प्रबंधन राज्य सरकार के कानून विभाग के पास है। आज 14 जुलाई को कानून विभाग ये फैसला लेगा कि भीतरी रत्न भंडार का लेखा-जोखा रखने के लिए इसे कब खोला जाए।