आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति 5 ऐसी स्थितियों के बारे में बताया है, कि जो व्यक्ति इनमें रहता है उसे जीते जी मरने जैसा अहसास होता है। आगे जानिए कौन-सी हैं ये 4 स्थिति…
जो व्यक्ति अत्यंत गरीब होता है, उसके लिए जीवन एक अभिशाप बन जाता है। ऐसा व्यक्ति जीते जी मृत्यु जैसे कष्ट का अनुभव करता है। ये कहा जाए कि मृत्यु उसके लिए मोक्ष है तो गलत नहीं होगा।
अगर किसी व्यक्ति का बार-बार अपमान होता है तो ये स्थिति मृत्यु से अधिक भयंकर होती है। क्योंकि ऐसे लोगों का कोई आत्म सम्मान नहीं होता, ये स्थिति भी इनके लिए मृत्यु जैसी ही होती है।
जिस व्यक्ति का मालिक दुष्ट है उसे हर पल मरने जैसा अनुभव होता है क्योंकि ऐसे मालिक अपने कर्मचारियों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार करते हैं। ये स्थिति भी मृत्यु जैसी ही है।
जिस व्यक्ति का कोई बहुत खास, जिसे वो अपने प्राणों से भी अधिक चाहता है बिछुड़ जाए तो ये स्थिति मृत्यु के समान ही मानी गई है। ऐसे लोग बहुत समय तक उस व्यक्ति की याद में तड़पते रहते हैं।
आपने किसी से कर्ज लिया है और उसे समय पर नहीं चुका पा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में कर्ज देने वाला समाज के सामने आपको अपमानित करने से नहीं चूकता। ये स्थिति मृत्यु से भी बदतर होती है।