प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में देश के सभी बड़े साधु-संत पवित्र संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। लेकिन वृंदावन के संत प्रेमानंद बाबा अभी तक प्रयागराज नहीं गए हैं।
वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज प्रयागराज महाकुंभ में जाएंगे या नहीं, ये सवाल कईं लोगों के मन में है क्योंकि महाकुंभ में पवित्र संगम में स्नान का मौका 144 साल में एक बार आता है।
आपको बता दें कि संत प्रेमानंद महाराज प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने नहीं जाएंगे। इसके पीछे एक खास वजह है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है।
प्रेमानंद बाबा कई बार अपने प्रवचनों में बोल चुके हैं कि उन्होंने क्षेत्र संन्यास का संकल्प लिया है। जिसका अर्थ है कि वे किसी भी स्थिति में वृंदावन को छोड़कर नहीं जा सकते।
क्षेत्र संन्यास एक हठ योग है जिसमें व्यक्ति ये संकल्प लेता है कि कैसी भी विकट स्थिति हो, मैं इस सीमित क्षेत्र के बाहर कभी कदम नहीं रखूंगा चाहे जीवन-मरण का ही प्रश्न क्यों न हो।
जब से प्रेमानंद महाराज वृंदावन आए हैं, तब से उन्होंने क्षेत्र संन्यास का प्रण किया है, यही कारण है कि वृंदावन को छोड़कर कहीं ओर नहीं जाते और यही रहकर श्रीराधाजू की सेवा करते हैं।