इस बार दिवाली 12 नवंबर, रविवार को है। इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ देवी सरस्वती और श्रीगणेश की पूजा भी की जाती है। इन तीनों की पूजा दिवाली पर ही क्यों करते हैं, आगे जानिए कारण…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब देवी सरस्वती निकली तो उस दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि थी। इसलिए हर साल दिवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
मान्यता है कि जब जीवन में अचानक लक्ष्मी यानी धन आता है तो मन गलत कामों की ओर आकर्षित होने लगता है, तब देवी सरस्वती हमें अच्छे-बुरे का ज्ञान देकर ऐसा करने से रोकती है।
गणपति बुद्धि के देवता हैं। जब धन आता है तो हमारे पास उसे सहेजने की बुद्धि होनी चाहिए। ये समझ श्रीगणेश हमें देते हैं। इसलिए दिवाली पर लक्ष्मी-सरस्वती के साथ इनकी भी पूजा की जाती है।
दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ सरस्वती और श्रीगणेश की पूजा करने से मन में सात्विकता का भाव आता है और यही भाव हमें अनैतिक गतिविधियों से बचने के लिए प्रेरित करता है।