ईस्टर संडे, ईसाई धर्म मानने वाले लोगों का एक प्रमुख त्योहार है। दुनिया के सभी देशों में जहां-जहां भी ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं, वहां ये त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
ईसाइयों में होली वीक यानी पवित्र सप्ताह की मान्यता है। इसमें पाम संडे, गुड फ्राइडे, होली सैटरडे और ईस्टर संडे जैसे फेस्टिवल मनाए जाते हैं। ईस्टर संडे होली वीक का अंतिम दिन होता है।
मान्यता है कि सूली पर चढ़ाने के 3 दिन बाद यीशु चमत्कारी रूप से पुनर्जीवित हो गए थे। उस दिन रविवार था। तभी से ईस्टर संडे का पर्व हर साल बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है।
ईस्टर संडे पर चर्चों को विशेष रूप से सजाते हैं और मोमबत्तियां जलाकर प्रार्थनाएं की जाती हैं। ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियां अपने घरों में जलाने और मित्रों में बांटने की परंपरा है।
ईसाई मान्यताओं के अनुसार, प्रभु यीशु को दोबारा जीवित होने के बाद सबसे पहले मरियम मगदलीनी नामक महिला ने देखा था फिर अन्य महिलाओं को इसके बारे में बताया था।
ईस्टर संडे पर अंडों से सजावट विशेष रूप से की जाती है क्योंकि अंडे को बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं कुछ लोग अंडे के आकार के गिफ्ट भी एक-दूसरे को देते हैं।