दिल्ली में आयोजित जी20 समिट में अनेक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस आयोजन की थीम है ‘वसुधैव कुटुम्बकम’। ये संस्कृत का शब्द है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं…
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ ये शब्द लगभग हर भारतीय ने सुना होगा। इसका अर्थ है वसुधा यानी पृथ्वी और कुटुम्ब यानी परिवार। यानी ये पूरी पृथ्वी ही एक परिवार के समान है।
सबसे पहले वसुधैव कुटुम्बकम शब्द महोपनिषद ग्रंथ के अध्याय 6 में मिलता है। वसुधैव कुटुम्बकम् सनातन यानी हिंदू धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है।
अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् ॥
अर्थ – ये मेरा और ये तुम्हारा है, से सोच छोटे मन वालों की है, उदार हृदय वालों के लिए तो पूरी धरती ही परिवार है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नए ससंद भवन की उद्घाटन किया था। उस संसद भवन के मुख्य प्रवेक्ष पर भी वसुधैव कुटुम्बकम लिखा गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वसुधैव कुटुम्बकम थीम की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि भारत को जी20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब दुनिया बहुत बंटी हुई है।
आज भारत बहुत तेजी से उभरता राष्ट्र है। विकसित देश भी भारत के साथ काम करना चाहते हैं। सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने की सोच के चलते ही जी20 समिट की थीम ये रखी गई है।