इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। प्रतिमा स्थापित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आगे जानिए क्या हैं वो बातें…
गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना ईशान कोण में करना शुभ माना जाता है। इसे देवताओं का स्थान माना जाता है। मूर्ति का स्थापना इस तरह करें कि पूजा करते समय आपका मुख पूर्व की ओर रहे।
एक बार गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उसे इधर-उधर न रखें यानी हिलाएं नहीं। ऐसा सिर्फ विसर्जन के समय ही करें। स्थापित प्रतिमा को हिलाना-डुलाना शुभ नहीं माना जाता।
जिस जगह पर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें, वहां की साफ-सफाई रोज करें। ध्यान रखें कि उस स्थान पर कचरा बिल्कुल भी इकट्ठा न होने पाए। कोई भी बेकार सामान वहां न रखें।
अनंत चतुर्दशी तक रोज भगवान श्रीगणेश को सुबह-शाम दीपक व भोग लगाएं, साथ ही आरती भी करें। ये सभी काम शुद्ध अवस्था में यानी स्नान आदि करने के बाद ही करना चाहिए।
स्थापना स्थल पर जूते-चप्पल पहनकर न जाएं। इससे उस स्थान की पवित्रता भंग होती है। चमड़े का बेल्ट या पर्स भी स्थापना स्थल के पास नहीं ले जाना चाहिए। इन बातों का विशेष ध्यान रखें।