19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर में श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। गणेशजी की प्रतिमा लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। जानें इन बातों के बारे में…
भगवान श्रीगणेश की मिट्टी से बनी प्रतिमा की ही स्थापना और पूा करें। प्लास्टर ऑफ पेरिस या अन्य केमिकल्स से बनी मूर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा बैठक मुद्रा में हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से स्थाई धन लाभ होता है और कामकाज में आने वाली रुकावटें भी खत्म हो जाती हैं।
भगवान श्रीगणेश को वक्रतुंड कहा जाता है। इसलिए उनकी सूंड बांई और मुड़ी होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और संकटों से छुटकारा मिल जाता है।
जिस मूर्ति में गणेश जी का वाहन न हो ऐसे प्रतिमा की पूजा करने से दोष लगता है। इसलिए प्रतिमा लेते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उसमें गणेशजी का वाहन मूषक यानी चूहा भी है या नहीं।
भगवान श्रीगणेश को भालचंद्र भी कहते हैं यानी जिसके मस्तक पर चंद्रमा सुशोभित हो। श्रीगणेश की ऐसी मूर्ति की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।