वैशाख मास में गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इस दिन गंगा तटों पर विशेष आयोजन होते हैं। जानें कब है गंगा सप्तमी…
गंगा सप्तमी का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 13 मई की रात 02:50 से शुरू होगी, जो 15 मई की सुबह 04:19 तक रहेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि का सूर्योदय 14 मई, मंगलवार को होगा, इसलिए इसी दिन गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा।
14 मई, मंगलवार को गंगा सप्तमी पर कईं शुभ योग बनेंगे जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। ये शुभ योग हैं-सर्वार्थसिद्धि, वर्धमान, आनंद और वृद्धि।
पंचांग के अनुसार 14 मई को गंगा सप्तमी के शुभ अवसर पर पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहते हैं। इस नक्षत्र में किए गए सभी काम सफल होते हैं।
14 मई, मंगलवार को ही सूर्य मेष से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। वृषभ राशि में पहले से बुध स्थित है। सूर्य और बुध की युति होने से बुधादित्य नाम का राजयोग भी इस दिन बनेगा।