गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक है। इस पुराण के नीतिसार अध्याय में 7 ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें देखने मात्र से ही शुभ फल मिलते हैं। जानें इन 7 चीजों के बारे में…
गोमूत्रं गोमयं दुन्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्
पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्
अर्थ- गोमूत्र, गोबर, गोदुग्ध, गोधूली, गोशाला, गोखुर और पकी खेती देखना शुभ होता है।
गोमूत्र गंगा जल के समान होता है। इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि इसे देख लेने मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति होती है।
गाय के गोबर में देवी लक्ष्मी का निवास माना जाता है। मांगलिक कामों में इसका उपयोग किया जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार गाय का गोबर देखने से शुभ फल मिलते हैं।
गाय का दूध पीने से रोगों से छुटकारा मिलता है। गाय के दूध को अमृत के समान माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति गाय के दूध को देख लेता हैं तो भी उसे पुण्य फल मिल सकते हैं।
गायों को चलने से जो धूल उड़ती है, उसे गोधूली कहते हैं। गाय के पैरों से स्पर्श करने वाली मिट्टी को भी पवित्र माना जाता है। इसको देख लेने मात्र से कई गुना अधिक पुण्य मिलता है।
जिस स्थान पर गायों को रखते हैं, उसे गोशाला कहते हैं। गोशाला को मंदिर की तरह पूजनीय स्थान माना जाता है। इसे देखने मात्र से ही आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
गाय के पैरों को तीर्थ के समान माना जाता है। अगर किसी काम के लिए जाते समय गाय के पैरों को छुए और दर्शन करे तो आपको हर काम में सफलता मिल सकती है।
धर्म ग्रंथों में पकी हुई खेती को भी बहुत पवित्र माना गया है क्योंकि इस खेती में भगवान के आशीर्वाद के साथ-साथ किसान की मेहनत भी होती है। इसलिए इसे देखने से भी पुण्य मिलता है।