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किसी दूसरे के पैर छूने से हमें क्या मिलता है, क्या जानते हैं आप?

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क्यों है पैर छूने की परंपरा?

जब भी हम किसी उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लेते हैं। ये हिंदू धर्म की परंपरा है। इस परंपरा से जुड़े अनेक फायदे हैं, आगे जानिए इनके बारे में…

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क्या लिखा है धर्म ग्रंथों में?

धर्म ग्रंथों में पैर छूने के कईं फायदे बताए गए हैं। इससे संबंधित श्लोक इस प्रकार है-
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।

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क्या है श्लोक का अर्थ?

इस श्लोक का अर्थ है कि ‘जो व्यक्ति रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम और चरण स्पर्श करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और शक्ति बढ़ती जाती है।’

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क्या होता है पैर छूने से?

अपनों से बड़ो के पूरे छूने के और भी कई फायदे हैं जैसे जब कोई व्यक्ति सामने खड़े व्यक्ति के पैर छूता है तो उसकी रीढ़ की हड्डी में तनाव होता है, इससे उसमें लचीलापन बना रहता है।

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ये होते हैं फायदे

पैर छूने की जो अवस्था होती है एक तरह का योगासन है जो शरीर के कईं भागों को सेहतमंद बनाए रखती है। इससे हमारे शरीर को कईं तरह के फायदे भी मिलते हैं।

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एक फायदा ये भी

इस परंपरा का मनोवैज्ञानिक पक्ष देखें तो पैर छूने से मन में विनम्रता का भाव आता है। यही भाव हमें जीवन में कईं बार काम आता है और हम अपना लक्ष्य आसानी से पा लेते हैं।

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