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मृत्यु के बाद शव के दोनों पैरों के अंगूठे आपस में क्यों बांधते हैं?

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बहुत खास है हिंदू परंपराएं

हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु के बाद अनेक परंपराएं निभाई जाती हैं। इनमें से कुछ परंपराओं के पीछे धार्मिक, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण छिपे होते हैं। ये पंरपराएं खास होती हैं।

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क्यों बांधते हैं पैरों के अंगूठे?

हिंदू धर्म में जब भी किसी की मृत्यु होती है तो सबसे पहले मृतक के शरीर के पैरों के दोनों अंगूठों को आपस में बांध दिया जाता है। ऐसा क्यों करते हैं, ये बहुत कम लोगों को पता है।

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शरीर का द्वार है मूलाधार चक्र

ऐसा कहा जाता है कि मानव शरीर में सात चक्र है, इनमें से मूलाधार बहुत खास होता है। ये चक्र गुप्तांग और मल द्वार के बीच में होता है। ये चक्र एक तरह से शरीर का द्वार होता है।

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ये है इस परंपरा से जुड़ी मान्यता

मान्यता के अनुसार, जब किसी की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा अपने शरीर में पुन: प्रवेश करने का मार्ग तलाश करती है, इसके लिए मूलाधार चक्र सबसे आसान माध्यम होता है।

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इसलिए बांधते हैं पैरों के अंगूठे

मान्यता है कि जब मृतक के दोनों पैरों के अंगूठों को एक साथ बांध दिया जाता है तो मूलाधार चक्र सख्त हो जाता है, ऐसी स्थिति में कोई भी आत्मा उस चक्र में प्रवेश नहीं पाती।

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मूलाधार से शुरू होता है जीवन

ऐसा भी कहा जाता है कि मूलाधार वह जगह है जहां से जीवन की शुरूआत होती है। मृत्यु के बाद जब शरीर ठंडा पड़ना शुरू होता है तो यही शरीर का आखिरी गर्म भाग होता है।

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