होली के पहले आने वाले 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। इस बार होलाष्टक 17 से 24 मार्च तक रहेगा। इस दौरान कुछ खास उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य से बचा जा सकता है…
होलाष्टक के दौरान अपने ईष्टदेव यानी जिन्हें सबसे ज्यादा मानते हैं, उनकी पूजा करें और मंत्रों का जाप भी करें। इससे मन शांत रहता है और परेशानियों से बचा जा सकता है।
विद्वानों के अनुसार, होलाष्टक में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ रहता है। इस दौरान भक्त प्रह्लाद ने भी उन्हीं की उपासना की थी, जिससे वे हिरण्यकश्यिपु की प्रताड़ना से बच सके।
होलाष्टक के दौरान जरूरतमंद लोगों को दान करने का भी विशेष महत्व है। इन 8 दिनों में लोगों को भोजन, कच्चा अनाज, कपड़े, बर्तन आदि चीजों का दान करना चाहिए।
होलाष्टक में प्रतिदिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाएं। ऐसा करना संभव न हो तो किसी गोशाला में गाय के चारे के लिए पैसों का दान करें। इससे भी आप परेशानी से बचे रहेंगे।
होलाष्टक के 8 दिनों में रोज शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, तुलसी के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। इससे आपके जीवन में कोई तकलीफ नहीं आएगी।