प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने बताया कि वे जब 13 साल के थे, तभी उन्होंने घर का त्याग कर दिया था और ईश्वर की खोज में निकल पड़े थे।
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि वे जब घर से भगवद प्राप्ति के लिए निकले तो उनके पास सिर्फ 4 चीज थीं- गीता, कुशासन, चादर और लोटा। आधी रात को यही चीजें लेकर वे घर से भागे थे।
घर से निकलकर लगभग 13-14 किमी चलने के बाद प्रेमानंद बाबा एक शिव मंदिर में रुके। वहां उन्हें दिन भर कुछ भी खाने को नहीं मिला। इस दौरान वे ईश्वर के चिंतन में लगे रहे।
जब प्रेमानंद बाबा को पहले ही दिन कुछ भी को खाने को नहीं मिला तो उनके मन में भविष्य को लेकर कई प्रश्न भी आने लगे, लेकिन भगवद् प्राप्ति की उनकी इच्छा बहुत प्रबल थी।
प्रेमानंद बाबा ने बताया कि ‘जब वे भूख से व्याकुल थे तभी एक व्यक्ति आया और वहां रहने वाले संत के बारे में पूछने लगा। महाराज ने कहा कि उन्हें नहीं पता, यहां कौन रहता है।’
जो व्यक्ति संत से मिलने आया था वो दही भी लाया था। वो दही उसने बालक प्रेमानंद को दे दिया। दही खाकर प्रेमानंदजी की भूख शांत हुई और उन्हें लगा कि ईश्वर ने ही उसे यहां भेजा था।
ईश्वर के इस चमत्कार को देखकर प्रेमानंदजी भावविभोर हो गए और मंदिर में स्थापित शिवलिंग को लिपटकर रोने लगे। उन्हें ये संकेत मिल गया था कि ईश्वर की कृपा उनके साथ हैं।