अक्षय तृतीया यानी आखा तीज को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ तिथि माना गया है। इसे स्वयं सिद्धि मुहूर्त भी कहते हैं। इस तिथि पर विवाह आदि कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस बार अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को है। हर साल इस तिथि पर हजारों की संख्या में विवाह होते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा। आगे जानिए क्या है इसकी वजह…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकालते समय शुक्र और गुरु ग्रह का उदय होना जरूरी होता है। अगर ये ग्रह अस्त हैं तो विवाह नहीं होते।
इस बार 10 मई को अक्षय तृतीया पर गुरु और शुक्र दोनों ही ग्रह अस्त रहेंगे, जिसके चलते इस दिन विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं है। ये दोनों ग्रह जून के अंतिम सप्ताह में उदय होंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, स्वयं सिद्ध मुहूर्त यानी ऐसी तिथि जिसमें शुभ मुहूर्त के बिना भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं। लेकिन गुरु-शुक्र का उदय होना जरूरी है।
ज्योतिष शास्त्र में 4 स्वयं सिद्ध मुहूर्त माने गए हैं। ये हैं अक्षय तृतीया, देवउठनी एकादशी, भड़ली नवमी और वसंत पंचमी। इन चारों को अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं।