हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसके स्वामी भगवान विष्णु हैं। एक साल में 24 एकादशी आती है। इन सभी का अलग-अलग महत्व, पूजा विधि और कथाएं धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं।
साल भर में आने वाली 24 एकादशी में से देवउठनी एकादशी का महत्व काफी खास है। मान्यता है कि इसी दिन से भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और सृष्टि का संचालन अपने हाथों में लेते हैं।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि 22 नवंबर, बुधवार की शाम 06:37 से 23 नवंबर, गुरुवार की शाम 05:16 तक रहेगी। इस तरह एकादशी तिथि 1 नहीं बल्कि 2 दिन रहेगी।
विद्वानों के अनुसार, चूंकि कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का सूर्योदय 23 नवंबर, गुरुवार को होगा, इसलिए इसी दिन देवउठनी एकादशी का व्रत-पूजा, उपाय आदि नियम माने जाएंगे।
चातुर्मास में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, सगाई आदि की मनाही होती है। 4 महीने बाद देवउठनी एकादशी से ये सभी कार्य किए जा सकते हैं। इसलिए भी इस तिथि का विशेष महत्व है।