24 अक्टूबर, मंगलवार को दशहरा है। इस दिन देश में कईं स्थानों पर रावण से जुड़ी अजब-गजब परंपराएं निभाई जाती हैं। आगे जानिए इन परंपराओं के बारे में…
राजस्थान के उदयपुरवाटी क्षेत्र में दादू दयाल समाज के लोग दशहरे पर पहले रावण को गोली मारते हैं और इसके बाद उसके पुतलों का दहन करते हैं। ये परंपरा लगभग 125 साल पुरानी है।
राजस्थान के संगोला गांव में दशहरे पर रावण दहन नहीं किया जाता बल्कि उसकी पूजा और आरती की जाती है। यहां काले पत्थर से बनी रावण की एक प्रतिमा भी है, जो काफी प्राचीन है।
वैसे तो पूरे देश में दशहरे पर रावण दहन होता है, लेकिन राजस्थान के हमीरपुर में ये परंपरा दीपावली पर निभाई जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार ये परंपरा करीब 100 साल पुरानी है।
राजस्थान के भीलवाड़ा के बनेड़ा कस्बे में दशहरे पर रावण की शवयात्रा निकाली जाती है और पूरे विधि-विधान से इसका अंतिम संस्कार किया जाता है। ये परंपरा 50 साल पुरानी बताई जाती है।
राजस्थान के जोधपुर जिले के मंडोर गांव में दशहरे पर रावण दहन नहीं होता बल्कि उसकी मृत्यु पर शोक मनाया जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि रावण की पत्नी मंदोदरी इसी गांव की थी।