कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली पर्व मनाया जाता है। ये पर्व क्यों मनाते हैं, इसके पीछे एक नहीं अनेक मान्यताएं हैं। तंत्र शास्त्र में भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया गया है।
इस बार दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस पर दीपावली पर कईं शुभ योग बन रहे हैं, जिसके इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
तंत्र शास्त्र में 4 रातों को तंत्र क्रियाओं के लिए सबसे खास माना गया है। इनमें होली की रात, महाशिवरात्रि की रात, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात और दिवाली की रात शामिल है।
तंत्र शास्त्र में दिवाली की रात कालरात्रि कहा जाता है। काल रात्रि यानी काली रात। मान्यता है कि दिवाली की रात को जो भी तंत्र क्रियाएं की जाती हैं, वे सभी सफल होती हैं।
दिवाली की मध्य रात्रि को कईं लोग देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा करते हैं। मान्यता है कि रात में की गई लक्ष्मी पूजा विशेष फल देने वाली होती है।
दिवाली की रात तंत्र क्रियाओं के अंतर्गत कईं लोग उल्लुओं की बलि भी देते हैं। तंत्र विद्वानों की मानें तो ऐसा करने से विशेष सिद्धियों की प्राप्ति हो सकती है।