अश्विन मास की अमावस्या को पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। ये श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है। ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व है। जानें 2024 में कब है पितृ मोक्ष अमावस्या…
पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन मास की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर की रात 09 बजकर 39 मिनिट से शुरू होगी, जो 2 अक्टूबर की रात 12 बजकर 19 मिनिट तक रहेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, अमावस्या तिथि का सूर्योदय 2 अक्टूबर, बुधवार को होगा, इसलिए इसी दिन सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि पता न हो, वे इस दिन उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान कर सकते हैं। इससे भी उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
श्राद्ध पक्ष की अमावस्या तंत्र-मंत्र आदि उपायों के लिए भी खास मानी गई है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हो वे यदि इस दिन कुछ खास उपाय करें तो उनकी परेशानी दूर हो सकती है।
2 अक्टूबर, बुधवार को यानी सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर इस बार सूर्यग्रहण का संयोग भी बन रहा है, लेकिन ये ग्रहण भारत में कहीं भी नहीं दिखेगा। इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा।