देवउठनी एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार को है। इसी दिन तुलसी विवाह की परंपरा भी है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। इससे जुड़ें कईं नियम भी ग्रंथों में बताए गए हैं।
तुलसी का पौधा किस्मत बना भी सकता है और बिगाड़ भी। अगर आपके घर में भी तुलसी का पौधा है तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए आगे जानिए इन बातों के बारे में…
एकादशी, द्वादशी, अमावस्या और चतुर्दशी तिथि पर तुलसी के पत्ते नहीं तोडना चाहिए। रविवार को भी भूलकर ये काम न करें और सूर्यास्त के बाद भी तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है।
तुलसी के पौधे को कभी भी अशुद्ध अवस्था यानी बिना नहाए स्पर्श न करें। जो व्यक्ति ऐसी गलती करता है निकट भविष्य में उसके जीवन में कोई भारी संकट आ सकता है।
तुलसी के पौधे को कभी भी गंदे स्थान पर न रखें। इसके आस-पास हमेशा साफ-सफाई करते रहें। अगर तुलसी का पौधा सूख जाए तो उसे श्रद्धापूर्वक नदी में प्रवाहित कर दें।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीगणेश की पूजा में कभी भूलकर भी तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं। वहीं श्रीकृष्ण और विष्णुजी की पूजा में तुलसी आवश्यक है।
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं भूलकर भी तुलसी के पौधे को हाथ न लगाएं, यहां तक कि अपनी छाया भी उस पर न पड़ने दें। ऐसा होने से तुलसी का पौधा सूख सकता है।