इस बार करवा चौथ 1 नवंबर, बुधवार को है। इस पर्व से जुड़ी कईं परंपराएं हैं, इन्हीं में से एक है चंद्रमा के दर्शन और पूजा। इसके बिना ये व्रत पूर्ण नहीं होता। जानें इस परंपरा का कारण…
महिलाओं को करवा चौथ का खास इंतजार रहता है। इस मौके पर महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं यानी कुछ भी खाती-पीती नहीं है। चंद्रमा के दर्शन के बाद ही ये व्रत पूर्ण माना जाता है।
चंद्रमा को हमारे धर्म ग्रंथों में प्रत्यक्ष देवता माना गया है यानी वो देवता जिन्हें हम देख सकते हैं। नवग्रहों में भी चंद्रमा का विशेष स्थान है। इनकी पूजा से मानसिक शांति मिलती है।
करवा चौथ पर भगवान श्रीगणेश के बाद चंद्रमा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करना क्यों जरूरी है, इसके बारे में कम लोगों को पता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, चंद्रमा की पूजा से मानसिक शांति आती है, जो वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए बहुत जरूरी है। इसी कामना से महिलाएं करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करती हैं।