आज (27 नवंबर, सोमवार) काशी में देव दिवाली पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व की शुरूआत एक खास स्थान पर दीपक जलाने से होगी। आगे जानिए देव दिवाली का पहला दीपक कहां जलाया जाएगा…
काशी में देव दिवाली उत्सव में 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। दोपहर 3 बजे बाद इन दीपकों में रुई की बत्ती रखी जाएगी और शाम 5 बजे तक तेल डालकर इन्हें जलाने के लिए तैयार कर लिया जाएगा।
काशी में देव दिवाली का पहला दीपक शाम 05.35 पर गंगा के किनारे स्थित पंचगंगा घाट पर जलेगा। इसके बाद अन्य घाटों पर दीपक जलेंगे। पहला दीपक जलते ही देव दिवाली पर्व शुरू हो जाएगा।
काशी के घाट पर इंदौर की रानी अहिल्याबाई ने 17वीं सदी में पत्थर से एक टॉवर बनवाया था, उस पर दीपक लगाए जाएंगे। इसके बाद सारे 21 लाख दीये 15 मिनट के अंदर-अंदर जल उठेंगे।
काशी के 100 घाटों-कुंडों पर 21 लाख दीपक लगाने के लिए करीब 31,500 लीटर सरसों के तेल की व्यवस्था की गई है। इस तेल को 2 हजार से अधिक कनस्तरों में भरकर लाया गया है।
देव दिवाली में गोबर के दीपक भी जलाए जाएंगे, इनकी संख्या 1 लाख रहेगी। इस मौके पर जैन घाट पर 5100 दीपों से अहिंसा परमोधर्म और जियो व जीने दो भी लिखा जाएगा।