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प्रेमानंद महाराज: मंदिर या तीर्थ में कैसे कपड़े पहनकर नहीं जाना चाहिए?

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तीर्थ में कैसे कपडे़ न पहनें?

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है जिसमें वे बता रहे हैं कि मंदिर और तीर्थ में कैसे कपड़े नहीं पहनना चाहिए। जानें क्या कहा प्रेमानंद बाबा ने…

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इस बात का रखें ध्यान

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘अगर आप किसी मंदिर या तीर्थ में दर्शन करने जाएं तो अपने कपड़ों पर विशेष रूप से ध्यान दें। मंदिर साधना का स्थान है न कि सुंदरता का दिखावा करने का।’

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ऐसे कपड़े भूलकर भी न पहनें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘धार्मिक स्थानों पर ऐसे कपड़े भूलकर भी न पहनें जिनसे कामुकता पैदा हो। इससे शरीर के प्रति आपका राग बढ़ता है और दूसरों का मन मलिन होता है।’

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फटे हुए कपड़े न पहनें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘आजकल फैशन चली है कि अच्छे भले कपड़े को इधर-उधर से फाड़कर पहना जाता है। चाहे कितना भी सुंदर वस्त्र हो, लोग उसे फाड़कर पहन लेते हैं।’

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इसे कहते हैं विपरीत बुद्धि

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘पहले जब कपड़े फट जाते थे तो उन्हें सिलकर पहना जाता था और अब कपड़े फाड़कर पहने जाते हैं। इसे विपरीत बुद्धि नहीं तो और क्या कहेंगे।’

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जितने कम वस्त्र उतना वीआईपी

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो व्यक्ति जितने कम वस्त्र पहनता है, उसे उतना ही वीआईपी समझा जाता है। मंदिर या तीर्थ पर जाएं तो ऐसे कपड़े भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए।’

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