Spiritual
भगवान शिव से जुड़ी ऐसी अनेक बातें है, जिनके बारे में कम हो लोगों को पता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव की एक पुत्री भी है। आगे जानिए कौन है शिवजी के पुत्री और इसका नाम…
पद्म पुराण के अनुसार, जब भगवान शिव तपस्या में रहते थे तो उस समय देवी पार्वती अकेलापन महसूस करती थीं। उस समय श्रीगणेश और कार्तिकेय की उत्पत्ति नहीं हुई थी।
अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए माता पार्वती ने कल्पवृक्ष से एक पुत्री की इच्छा प्रकट की, जिससे एक सुंदर कन्या प्रकट हुई। माता पार्वती ने इस कन्या को अपनी पुत्री माना।
देवी पार्वती ने इसका नाम अशोक सुंदरी रखा। अ+शोक यानी सुख, देवी पार्वती को सुखी करने के लिए प्रकट हुई इस कन्या। भगवान शिव ने भी इन्हें पुत्री के समान स्नेह दिया।
एक बार इंद्र असुरों से डरकर स्वर्ग छोड़ भाग गए, तब राजा नहुष को इंद्र के आसन पर बैठाया गया। देवताओं ने भी इन्हें अपना राजा मान लिया। नहुष से ही अशोक सुंदरी का विवाह हुआ।
राजा नहुष और अशोक सुंदरी की अनेक संतानें हुईं, इनमें में से एक ययाति भी एक थे। ययाति के पुत्र यदु से यादव वंश चला और पुरु से पुरुवंश चला। पुरुवंश में ही पांडव पैदा हुए थे।