महाभारत के एक प्रसंग में स्वयं महालक्ष्मी ने बताया है कि ‘जिस घर में कुपात्रों में भोजन किया जाता है, उसे मैं तुरंत छोड़ देती हैं।’ जाने कुपात्र यानी अशुभ बर्तन कौन-कौन से होते हैं…
भोजन करने के लिए लोहे के बर्तनों का उपयोग बिल्कुल भी न करें, इसे कुपात्र माना गया है। लोहे से बने बर्तन किसी भी रूप में सनाधन धर्म के अनुरूप नहीं है। इसके उपयोग से बचना चाहिए।
ग्रंथों में कांसा को भी अशुद्ध धातु बताया गया है क्योंकि ये कईं धातुओं को मिलाकर बनाई जाती है। इससे बने बर्तनों में भी भोजन करने से बचना चाहिए। इससे भी महालक्ष्मी नाराज होती हैं।
कांच के बर्तन भी अशुद्ध माने गए हैं, इसलिए इससे बने बर्तनों में भी भोजन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और ऐसे घर को छोड़कर चली जाती हैं।
वर्तमान समय में लोग भोजन करने के लिए प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग करने लगे हैं। प्लास्टिक से बने बर्तन भी भोजन के लिए ठीक नहीं माने जाते। इसलिए इसके उपयोग से भी बचें।
चीनी मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग करने भारतीय सभ्यता के अनुकूल बिल्कुल भी नही हैं। इससे बने बर्तनों का उपयोग भी भोजन करने में नहीं करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें