शिखंडी भी महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। ऐसा कहते हैं कि शिखंडी किन्नर थे, लेकिन महाभारत में कहीं भी इनके किन्नर होने के बारे में नहीं लिखा। जानें इनसे जुड़ी रोचक बातें…
शिखंडी पांचाल देश के राजा द्रुपद के बेटे थे। इनके भाई का नाम धृष्टद्युम्न था जो युद्ध में पांडवों के सेनापति बने थे। इनकी बहन का नाम द्रौपदी था जो पांडवों की पत्नी थीं।
महाभारत के अनुसार, शिखंडी जन्म से लड़की थे लेकिन भगवान शिव के वरदान से वह पुरुष बन गए। शिखंडी का विवाह दशार्णराज हिरण्यवर्मा की बेटी से हुआ था।
शिखंडी अपने पिछले जन्म में काशी की राजकुमारी अंबा थे, जिनका हरण भीष्म ने किया था। अपने अपमान का बदला लेने के लिए ही अंबा ने शिखंडी के रूप में जन्म लिया था।
भीष्म को युद्ध में हराने के लिए अर्जुन ने अपने रथ पर शिखंडी को खड़ा कर लिया था। भीष्म जानते थे कि शिखंडी का जन्म स्त्री रूप में हुआ है, इसलिए उन्होंने शिखंडी पर प्रहार नहीं किया।
युद्ध जीतने के बाद जब पांडव पक्ष के योद्धा रात में सो रहे थे तो उस समय अश्वत्थामा ने छल से अनेक योद्धाओं को मार दिया। इनमें शिखंडी भी शामिल थे।