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Pics: सेहरा बांध दूल्हा बने महाकाल, साल में 1 बार होता है ये श्रृंगार

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9 दिनों तक होता है श्रृंगार

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व शिव-पार्वती विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। 9 दिनों तक चलने वाले उत्सव में रोज महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है।

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साल में सिर्फ एक बार होते हैं दर्शन

महाशिवरात्रि के अगले दिन महाकाल को सेहरा बांधकर दूल्हा बनाया जाता है। इसे स्वरूप को सेहरा दर्शन कहते हैं। साल में सिर्फ एक बार ही महाकाल का ये श्रृंगार देखने को मिलता है।

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ढाई क्विंटल होता है वजन

इस बार भी 9 मार्च, शनिवार को भगवान महाकाल को सेहरा बांधकर दूल्हा बनाया गया। खास बात ये है कि सेहरा लगभग ढाई क्विंटल वजनी होता है। जिसे बनाने में कईं दिनों का समय लगता है।

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दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं भक्त

सेहरा वजनदार होने के कारण इसे अलग-अलग हिस्सों में तैयार करके मंदिर ले जाकर भगवान महाकाल को चढ़ाया जाता है। महाकाल के इस रूप को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।

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देशी-विदेशी फूलों का उपयोग

सेहरा बनाने के लिए कई तरह के देशी-विदेशी फूलों का उपयोग किया जाता है। इनमें गुलाब, गेंदा, मोगरा, कुंद, चमेली व आंकड़े के फूलों के साथ-साथ अन्य कईं फूलों का उपयोग होता है।

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अंग्रेजी गुलाब भी लगाते हैं

सेहरा बनाने में अंगूर और बेर आदि फलों का उपयोग भी किया जाता है। सेहरे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए अंग्रेजी गुलाब भी इसमें लगाए जाते हैं, जिसकी कीमत काफी ज्यादा होती है।

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