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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर रात्रि पूजा का महत्व क्यों अधिक?

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महाशिवरात्रि 8 मार्च को

इस बार महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को है। महाशिवरात्रि पर रात्रि पूजा का विशेष महत्व है। इसके पीछे एक खास कारण है। आगे जानिए महाशिवरात्रि पर रात्रि पूजा का महत्व…

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ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे महादेव

शिव महापुराण के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात को ही भगवान महादेव ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे। उस समय वे करोड़ों सूर्य की तरह चमक रहे थे।

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भगवान विष्णु-ब्रह्मा ने की पूजा

रात्रि में जब महादेव ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए तो रात में भी दिन के समान उजाला हो गया और उसी समय विष्णु-ब्रह्माजी ने पहली बार ज्योतिर्लिंग स्वरूप की पूजा की।

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इसलिए रात्रि पूजा का महत्व

चूंकि महादेव रात के समय ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे, इसलिए इस पर्व को महाशिव ‘रात्रि’ कहा जाता है। यही कारण है कि महाशिवरात्रि पर रात में शिव पूजा का विशेष महत्व है।

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ऐसे स्थापित हुए 12 ज्योतिर्लिंग

शिव पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के आग्रह पर ज्योतिर्मय स्तम्भ द्वादश ज्योतिर्लिंग में विभक्त हो गया था। तभी से महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजा निरंतर चली आ रही है।

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शिवलिंग दर्शन का महत्व

धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो व्यक्ति महाशिवरात्रि की रात शिवलिंग के दर्शन करता या उसे स्पर्श करता है, उसी से उसके पापों का नाश हो जाता है और पुण्य फल प्राप्त होते हैं।

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