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Mahashivratri 2024: नंदी के कान में मनोकामना बोलने की परंपरा क्यों?

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महादेव के वाहन हैं नंदी

महादेव का वाहन नंदी है, इसलिए हर शिव मंदिर के बाहर नंदी की प्रतिमा जरूर स्थापित की जाती है। लोग जब भी शिव मंदिर में जाते हैं तो नंदी के कान में अपनी मनोकामना जरूर कहते हैं।

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बहुत पुरानी है ये परपंरा

नंदी के कानों में मनोकामना बोलने की परंपरा काफी प्राचीन है। इस परंपरा के पीछे एक खास कारण छिपा है, जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है। आगे जानें इस परंपरा की वजह…

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शिव के अवतार भी हैं नंदी

शिवपुराण के अनुसार, नंदी न सिर्फ शिवजी के वाहन हैं, बल्कि उनके अवतार भी हैं। शिव मंदिर के बाहर नंदी की प्रतिमा जरूर स्थापित की जाती है। नंदी के बिना शिव मंदिर अधूरा माना जाता है।

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नंदी के कान में बोलते हैं मन की बात

अक्सर हम लोगों को नंदी के कान में कुछ बोलते देखते हैं। ये लोग नंदी के कान में अपनी मन की बात यानी मनोकामना बोलते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने शिवजी उनकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।

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क्या है इस परंपरा की वजह?

मान्यता है कि महादेव हमेशा तपस्या में लीन रहते हैं, ऐसी स्थिति में वे भक्तों के मन की बात नहीं सुन पाते। शिवजी के समाधि से उठने के बाद नंदी ही हमारी मनोकामना उन तक पहुंचाते हैं।

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गणाध्यक्ष भी हैं नंदी

भगवान शिव के जितने भी गण हैं, नंदी उन सभी में सबसे प्रमुख हैं। नंदी के कानों में कही गई बात महादेव मन लगाकर सुनते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं और दूख दूर करते हैं।

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