19 सितंबर को नए संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है। इस भवन में कईं द्वार हैं, जिन्हें विशेष नाम दिए गए हैं। इन नामों का धार्मिक महत्व भी है। आगे जानिए इन द्वारों के नाम क्या हैं….
संसद भवन के के पहले द्वार का नाम गज द्वार है। सभी जानते हैं कि हाथी देवी लक्ष्मी का वाहन है और सबसे समझदार पशुओं में से एक है। हाथी को सुख-समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।
संसद भवन की नई बिल्डिंग में एक अश्व द्वार है। अश्व यानी घोड़ा। घोड़ा कभी थकता नहीं है और हमेशा चलते रहता है। ये कभी बैठता भी नहीं है। घोड़ संघर्ष का प्रतीक भी है।
ससंद भवन में गरुड़ द्वार भी है। गरुड़ पक्षियों के राजा और विष्णु के वाहन हैं। गरुड़ में असीम शक्ति है। गरुड़ को परम बुद्धिमान भी माना जाता है। अनेक ग्रंथों में गरुड़देव का वर्णन है।
हम्सा का अर्थ है हंस। ये देवी सरस्वती का वाहन है। कहते हैं कि हंस में एक प्राकृतिक गुण होता है कि वह दूध और पानी में से दूध पी लेता है और पानी छोड़ देता है।
परंपरागत रूप से मकर को एक जलीय प्राणी माना जाता है, कुछ लोग इसे मगरमच्छ से जोड़कर देखते हैं। मकर राशि भी है, जिसके स्वामी शनिदेव हैं जो अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं।
शार्दुल एक पौराणिक प्राणी का नाम है, जो शेर से भी ज्यादा शक्तिशाली होती था। इसे शरभ भी बोलते हैं। शिव पुराण में महादेव द्वारा शरभ अवतार लेने की कथा मिलती है।