क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे प्राचीन शिवलिंग कहां स्थित है और इसकी स्थापना कैसे हुई।
शिवलिंग की उत्पत्ति के बारे में अलग-अलग ग्रंथों में इसके अलग-अलग स्थानों के बारे में बताया गया है। जानिए कुछ मंदिरों के बारे में, जहां सबसे पुराने शिवलिंग स्थापित माने जाते हैं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग को दुनिया का सबसे पुराना शिवलिंग माना जाता है। यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा के अंदर स्थित है।
कई धार्मिक ग्रंथों में गुप्तेश्वर महादेव मंदिर का उल्लेख है। कहा जाता है कि यह स्वयंभू शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव ने स्वयं प्रकट किया था। महाशिवरात्रि में यहां भारी भीड़ उमड़ती है।
तमिलनाडु के अरुणाचलेश्वर मंदिर में भी सबसे प्राचीन शिवलिंग स्थापित होने की मान्यता है। धार्मिक कथा अनुसार, एक बार भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ।
इस विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव ने लिंगम के रूप में प्रकट होकर दोनों देवताओं को उनकी सीमाओं का ज्ञान कराया। यही सथान आज अरुणाचलेश्वर मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम भी एक महत्वपूर्ण शिव मंदिर है, जिसे दुनिया के सबसे पुराने शिवलिंगों में से एक माना जाता है।
जागेश्वर धाम में लगभग 250 छोटे-बड़े मंदिर मौजूद, जिनमें से 224 मंदिर एक ही स्थान पर हैं। कहते हैं कि सप्तऋषियों ने यहां शिवलिंग की स्थापना की और यहीं से शिवलिंग की पूजा शुरू हुई।
मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहटगढ़ में स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर करीब 900 साल पुराना है। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसके गर्भगृह में एक ही जलधारा में 108 शिवलिंग स्थापित हैं।
यहां जब कोई भक्त जल अर्पित करता है, तो सभी 108 शिवलिंग एक साथ अभिषेकित होते हैं। खासकर श्रावण मास और शिवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।