संत बनते समय वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने 3 कसम ली थी। बाद में उन्होंने 1 कसम खुद ही तोड़ दी। बाबा ने इसका कारण भी बताया। आगे जानिए कौन-से हैं वो 3 कसम…
प्रेमानंद महाराज ने बताया ‘मेरी पहली कसम थी कि कभी अपने पास एक पैसा नहीं रखूंगा। आज भी मैं अपनी इस कसम पर कायम हूं। सत्संग में जो भी धन आता है, मैं उसे हाथ नहीं लगाता।’
प्रेमानंद महाराज ने बताया ‘दूसरी कसम मैंने ये ली थी कि कोई भी संपत्ति जैसे मकान, प्लाट या जमीन आदि मेरे नाम पर रजिस्टर्ड नहीं होगा। ये कसम भी आज तक बरकरार है।’
प्रेमानंद महाराज ने बताया ‘तीसरी कसम ये थी कि कभी किसी को शिष्य नहीं बनाऊंगा लेकिन गुरु के आदेश पर मैंने ये कसम तोड़ दी और इसी वजह से आज मेरे इतने सारे शिष्य हैं।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा ‘जिस फ्लैट में हम रह रहे हैं वो एक शिष्य का है, जिस गाड़ी में आते-जाते हैं वो भी शिष्य की है। न तो मकान पर, न किसी वाहन पर हमारा नाम कहीं पर दर्ज है।’