ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना गया है। इस बार पंचक की शुरूआत 15 अप्रैल, शनिवार की शाम 05.38 से हो रही है, जो 19 अप्रैल, बुधवार की रात 11.27 मिनट तक रहेगा।
जिस दिन से पंचक आरंभ होता है, उसी के अनुसार उसका नाम रखा जाता है। इस बार पंचक का आरंभ शनिवार से हो रहा है, इसलिए इसका नाम मृत्यु पंचक है।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं। पंचक के दौरान दक्षिण में यात्रा करने से परेशानी होती है।
पंचक के दौरान घर की छत डालने की भी मनाही है। ऐसा कहा जाता है कि पंचक के दौरान यदि घर की छत डाली जाए तो निकट भविष्य में कोई अनहोनी हो सकती है।
पंचक के दौरान यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो किसी योग्य विद्वान की सलाह लेकर ही मृतक अंतिम संस्कार करना चाहिए। इससे पंचक दोष खत्म हो जाता है।
पंचक के दौरान चारपाई या पलंग न खरीदें और न ही बनवाएं। मान्यता है कि इस दौरान बनवाए गए पलंग या चारपाई पर सोने से बीमार होने के खतरा बना रहता है।
पंचक दौरान ज्वलनशील पदार्थ जैसे लकड़ी, माचिस, मिट्टी का तेल आदि एक स्थान पर इकट्ठा न करें। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से आग लगने का भय बना रहता है।