Hindi

Pitru Paksha 2023: अग्नि में डाला गया भोजन पितरों को कैसे मिलता है?

Hindi

ये है श्राद्ध से जुड़ी मान्यता

परंपरा के अनुसार, श्राद्ध के भोजन का कुछ अंश अग्नि में डाला जाता है। मान्यता है कि अग्नि के माध्यम से ही भोजन हमारे पितरों तक पहुंचता है। ऐसी मान्यता क्यों है, जानें इससे जुड़ी कथा…

Image credits: Adobe Stock
Hindi

किसने किया था पहला श्राद्ध?

महाभारत के अनुसार, सबसे पहला श्राद्ध राजा निमि ने अत्रि मुनि के कहने पर किया था। उन्हें देखकर अन्य लोग भी श्राद्ध करने लगे। धीरे-धीरे चारों वर्णों के लोग श्राद्ध करने लगे।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

जब पितरों को हो गया रोग

लगातार श्राद्ध का भोजन करने से पितृ पूर्ण रूप तृप्त हो गए। श्राद्ध का भोजन लगातार करने से पितरों को अजीर्ण (भोजन न पचना) रोग हो गया और इससे उन्हें कष्ट होने लगा।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

ब्रह्माजी के पास गए पितृ

अजीर्ण रोग होने पर पितृ देवता परमपिता ब्रह्माजी के पास गए और उन्हें अपनी समस्या बताई और कहा कि ‘आप ऐसा कुछ उपाय कीजिए कि हमें इस अजीर्ण रोग से मुक्ति मिल जाए।’

Image credits: Adobe Stock
Hindi

अग्निदेव ने की पितरों की परेशानी दूर

पितरों की बात सुनकर ब्रह्माजी ने कहा कि ‘अब से तुम्हारे साथ अग्निदेव भी श्राद्ध का भोजन किया करेंगे। अग्निदेव के साथ भोजन करने से से आप लोगों का अजीर्ण रोग दूर हो जाएगा।’

Image credits: Adobe Stock
Hindi

तभी से शुरू हुई ये परंपरा

इस तरह बह्मदेव ने पितरों की समस्या दूर की। मान्यता है कि अग्नि में श्राद्ध का भोजन डालने से पितृ और अग्निदेव साथ-साथ भोजन करते हैं। ये परंपरा आज भी निभाई जाती है।

Image credits: Adobe Stock

Pitru Paksha 2023: मृत्यु तिथि पता न हो तो कब करें पितरों का श्राद्ध?

Pitru Paksha 2023: श्राद्ध पक्ष में क्या दान करने से होता है धन लाभ?

Diwali 2023 Date: 2 दिन रहेगी कार्तिक अमावस्या, कब करें लक्ष्मी पूजा?

वो कौन-सा शहर है जहां अनहोनी के डर से कोई बड़ा नेता रात में नहीं रुकता?