इस बार श्राद्ध पक्ष 14 अक्टूबर तक रहेगा। श्राद्ध पक्ष से कईं परंपराएं जुड़ी हुई हैं। इन परंपराओं के पीछे कईं मान्यताएं छिपी हुई हैं। आगे जानिए ऐसी ही एक परंपरा के बारे में…
श्राद्ध पक्ष से जुड़ी एक परंपरा के अनुसार, इन दिनों में कौए, गाय और कुत्ते को आवश्यक रूप से भोजन दिया जाता है। इन्हें भोजन दिए बिना श्राद्ध पूर्ण नहीं माना जाता।
ग्रंथों के अनुसार, कौआ यम का प्रतीक है और इसे पितरों का स्वरूप भी माना जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध का भोजन कौओं को खिलाने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
ग्रंथों में गाय को वैतरणी से पार लगाने वाली कहा गया है। गाय में सभी देवता निवास करते हैं। गाय को भोजन देने से सभी देवता तृप्त होते हैं इसलिए श्राद्ध का भोजन गाय को भी देना चाहिए।
कुत्ता यमराज का पशु माना गया है। श्राद्ध का भोजन इनको देने से यमराज प्रसन्न होते हैं। ग्रंथों में इसे कुक्करबलि कहा गया है। ऐसा करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं और खुश होते हैं।