प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘आज-कल तो लोगों ने व्रत-उपवास को मनोरंजन बना दिया है। ऐसा व्रत नहीं करना चाहिए, इससे तो आप 2 रोटी खाकर नाम जाप करो, वो अच्छा है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘लोग उपवास के दिन कुट्टू के आटे की पुरी बनाकर खाते हैं, सिंघाड़े के आटे का हलवा खाते हैं, सावें के चावल की खीर खाते हैं। ये सभी महंगी चीजें हैं।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘लोग फलाहार के नाम पर दिन भर सेव, संतरा, केला और अंगूर खाते रहते हैं। ऐसा फलाहार रोज मिले तो ये उपवास न होकर मनोरंजन जैसा हो जाता है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘जिस दिन व्रत-उपवास हो, उस दिन 12 बजे तक कुछ खाए-पीएं नहीं, 12 बजे थोड़ा पानी पी लीजिए और शाम को 4 बजे थोड़े से फल खा लीजिए।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘रात में कुछ खाना-पीना नहीं है। यदि फिर भी न रहा जाए तो थोड़ा सा दूध ले लीजिए, जिससे आपका प्राण-पोषण हो सके, सिर्फ इतना ही। इससे ज्यादा न खाएं।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘उपवास के दूसरे दिन सुबह भगवान को भोग लगाएं और इसके बाद प्रसाद रूप में भोजन कर लें। इस तरह किया गया उपवास आपको मनचाहा फल देगा।’