22 जनवरी को अयोध्या मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दौरान उनकी प्रतिमा की आंखों पर बंधी पट्टी को हटाया जाएगा और सबसे पहले दर्पण दिखाया जाएगा।
देव प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कईं धार्मिक परंपराएं पूरी की जाती हैं। इस दौरान देवता की आंखों पर पट्टी बांधते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के समय ये पट्टी खोल दी जाती है।
प्राण प्रतिष्ठा से पहले देव प्रतिमा की आंखों पर पट्टी बांधकर उसे पानी, अनाज, शहद, फूल आदि चीजों में डूबोकर रखा जाता है। इस प्रक्रिया को अधिवास कहते हैं।
मान्यता है कि अधिवास प्रक्रिया के दौरान देवता मां के गर्भ में होते हैं। गर्भ में सभी की आंखें बंद होती हैं, इसलिए देवताओं की आंखों पर भी इस दौरान पट्टी बांध दी जाती है।
प्राण प्रतिष्ठा के समय शुभ मुहूर्त में देव प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटाई जाती है। पट्टी हटाते ही देव प्रतिमा को सबसे पहले दर्पण दिखाया जाता है, ऐसा होता है दर्पण टूट जाता ।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, बच्चा पैदा होकर अपने माता-पिता को देखता है, लेकिन भगवान का कोई माता-पिता नहीं है। इसलिए उन्हें स्वयं का चेहरा दिखाते हैं।
प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूजा से देव प्रतिमा में अद्भुत शक्ति आ जाती है, जिसे झेलना किसी के लिए संभव नहीं, इसलिए देवता को दर्पण दिखाते हैं, उस शक्ति से ही दर्पण टूट जाता है।