22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा विधि-विधान से की जाएगी। 19 जनवरी को गर्भ गृह में प्रतिमा को लाकर स्थापित कर दिया गया है।
मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की जो प्रतिमा है, उसकी आंखों पर अभी पट्टी बंधी है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले देव प्रतिमा की आंखों पर पट्टी क्यों बांधते हैं, ये बात कम लोग जानते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, ग्रंथों में देव प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधि बताई गई है। उसके अंतर्गत देव प्रतिमा की आंखों पर पट्टी बांधना जरूरी है।
जब किसी देव प्रतिमा पर पट्टी बांधी जाती है तो उसे कईं तरह के कई चीजों जैसे जल, फूल, शहद, अनाज, आदि में डूबोकर रखा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को अधिवास कहते हैं।
पं. शर्मा के अनुसार, अधिवास के दौरान विशेष मंत्रोच्चार किए जाते हैं। इससे उस देव प्रतिमा में पंचतत्वों भूमि, जल, आकाश, अग्नि और वायु का प्रवेश होता है।
देव प्रतिमा को अधिवास की प्रक्रिया से गुजारा जाता है तो माना जाता है कि अभी प्रतिमा गर्भ में है, इसलिए उसकी आंखों पर पट्टी बांधते हैं, क्योंकि गर्भ में सभी की आंखें बंद होती हैं।
प्राण प्रतिष्ठा के समय देव प्रतिमा पर बंधी आंखों की पट्टी खोल दी जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अब देवता गर्भ से बाहर निकल आए हैं और वे सभी को देख सकते हैं।