Spiritual

Ram Mandir: 6 मंदिर, जहां पहले की गई प्राण प्रतिष्ठा, बाद में बना शिखर

Image credits: twitter

शंकराचर्य ने खड़े किए सवाल

अयोध्या में बने राम मंदिर को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बिना शिखर निर्माण के राम लला की प्राण प्रतिष्ठा धर्म के अनुकूल नहीं है।

Image credits: wikipedia

बिना शिखर होती आई है प्राण प्रतिष्ठा

इधर काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने एक जारी कर बताया है कि इसके पहले भी कईं मंदिरों में शिखर बनने से पहले ही प्राण प्रतिष्ठा की गई है। आगे जानिए कौन-सी हैं वो मंदिर…

Image credits: twitter

बैजनाथ धाम मंदिर

झारखंड में स्थित बाबा बैद्यनाथ का मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर के शिखर का काम आज भी अधूरा है, जबकि शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा काफी पहले की गई थी।

Image credits: wikipedia

गुजरात का सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में 11 मई 1951 को शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी और इसका शिखर निर्माण 1956 में शुरू हुआ। कलश स्थापना 3 मई, 1965 को की गई।

Image credits: wikipedia

नासिक का दत्तात्रेय मंदिर

नासिक में भगवान दत्तात्रेय का मंदिर है। 550 साल पहले मंदिर की स्थापना की गई थी। भगवान दत्तात्रेय और गुरूगोरखनाथ की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के सालों बाद शिखर पूजन हुआ।

Image credits: wikipedia

दक्षिण भारत का रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

12 ज्योर्तिलिंगों में से एक रामेश्वर का मंदिर 1173 ईसवी में बना। यहां शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा के 277 साल बाद यानी 1450 में इसका शिखर बनाया गया। ये मंदिर 4 धामों में से एक है।

Image credits: wikipedia

केरल का पद्मनाथ स्वामी मंदिर

केरल का महापद्मनाभ स्वामी मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 5 हजार साल पहले हुई थी। जबकि शिखर स्थापना राजा मार्तंड ने साल 1733 में करवाई।

Image credits: wikipedia

कर्नाटक का मुरुदेश्वर मंदिर

कर्नाटक के मुरुदेश्वर मंदिर में भी ऐसा ही हुआ था। यहां पहले भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा पहले की गई थी, जबकि शिखर बाद में बना। यह मंदिर द्वापर युग का माना जाता है।

Image credits: wikipedia